हमारा मन कैसे दूसरों का follow करता है

 

हमारा मन कैसे दूसरों का follow करता है
हमारा मन कैसे दूसरों का follow करता है

हमारा मन कैसे दूसरों का अनुसरण करता है

हम एक समाजिक मनुष्य है और हम इन संसार और दुनिया मैं आगे बढ़े और जीवित रहे इसके लिए हम अपनी और लोगो की बातो को सुनते है और भरोसा भी करते है हमें ये जीवन को सरल और सुखी बनाने के नियम बनाते है जो की हमरे जीवन को मुसीबतो से बचये और सुरछित रखते है उद्धरण के लिए जब हम कोई ऐसा कार्य करते है जिसमे सभी का सामान रूप से सहयोग रहे अगर उस कार्य मैं कोई नियम का उलंघन करे तो हमरी प्रतिकिर्या बदल जाती है

नियम का उलंघन करने से हमरी मुश्किलें बढ़ सकती कई अध्यन से हमें पता चला है की जब हम पे खतरा नई होता तो हम नियम का उलंघन करने की सोचते है

चलिए हम एक प्रयोग करते है

इस प्रयोग मैं हम दो ग्रूप लेते है ( ग्रुप अ और ग्रुप ब )

ग्रुप अ और ब दोनों को कुछ पैसे दिए गए लेकिन दोनों की प्रस्थिति में परिवर्तन किया गया

ग्रुप अ को बोला गया आप इन पैसे को कैसे भी बाट सकते हो मतलब आप बिलकुल स्वतंत्र हो

ग्रुप ब को बोला गया की यदि पैसे समान रूप से नई बाटे गया तो आपको सजा मिलेगी और पैसे भी नहीं दिये जायेंगे

निष्कर्ष

इस प्रयोग मैं हमने देखा की जैसे स्वतन्त्रा दी गई थी उन्होंने ही नियम का उलंघन किया जबकि जिन्हे सजा के लिए बोला गया था उन्होंने कोई उलंघन नहीं किया

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