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ज्यादा लालची मत बनो |
“यह एक अविश्वसनीय रूप से गर्म दिन था और एक शेर को बहुत भूख लग रही थी।
वह अपनी मांद से बाहर निकला और इधर-उधर खोजा, लेकिन उसे केवल एक छोटा खरगोश ही मिला। उसने खरगोश को पकड़ लिया, लेकिन कुछ झिझक के साथ क्योंकि वह जानता था कि खरगोश उसे भर नहीं पाएगा।
जैसे ही शेर खरगोश को मारने ही वाला था, उसने अपने रास्ते में एक हिरण को आते देखा और सोचा, 'इस छोटे खरगोश को खाने के बजाय, मुझे उस बड़े हिरण को खाने दो।'
तब उसने खरगोश को जाने दिया और हिरण के पीछे-पीछे चला गया, परन्तु वह जंगल में लुप्त हो गया। शेर के पास अब खाने को कुछ नहीं था क्योंकि खरगोश भी बहुत समय से जा चुका था।”
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